मनरेगा (Manrega) के बारे में संपूर्ण जानकारी

मनरेगा की शुरुआत कब हुई?

आज हम बात करेंगे भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण एवं जनकल्याणकारी योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार अधिनयम जिसे संक्षिप्त रूप में “मनरेगा” कहा जाता है।

मनरेगा की शुरुआत ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा सन् 2005 में संसद में पारित कराया गया था एवं दिनांक 2 फरवरी 2006 को देशभर 200 जिलों में लागू हुआ था।तत्पश्चात 1 अप्रैल 2008 को भारतवर्ष के सम्पूर्ण राज्यों के सभी जिलों में लागू कर दिया गया था।

मनरेगा क्या है?

मनरेगा का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी से जूझ रहे परिवारों के वयस्क अकुशल श्रमिकों को एक वर्ष में 100 दिन का गारंटीड रोजगार उपलब्ध कराना है। मनरेगा का शुरुआत में नाम राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम “नरेगा” था किंतु 2 अक्टूबर 2009 को गांधी जयंती के अवसर पर इसके नाम में परिवर्तन करके महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार अधिनियम “मनरेगा” कर दिया गया।

मनरेगा के संबन्ध में राजनीतिक परिप्रेक्ष्य

मनरेगा केंद्र सरकार की सबसे महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजना है। मनरेगा के तहत आने वाले खर्च में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 75% एवं संबंधित राज्य सरकार की हिस्सेदारी 25% है। मनरेगा में काम करने वाले कुल अर्ध कुशल या अकुशल श्रमिकों का 33% महिला श्रमिकों के लिए आरक्षित है।

मनरेगा के अंतर्गत मिलने वाले काम

मनरेगा एक जनकल्याणकारी योजनाओं में से एक है इसके अंतर्गत मुख्यत: बिना जोखिम वालों कामों को शामिल किया जाता है। मनरेगा के अंतर्गत आने वाले कामों में ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण और संचयन, वनीकरण, ग्रामीण संपर्क-तंत्र, बाढ़ नियंत्रण,सुरक्षा, तटबंधों का निर्माण और मरम्मत, आदि शामिल किया गया है। इनके अलावा नए टैंक/तालाबों की खुदाई, रिसाव टैंक और छोटे बांधों के निर्माण को भी महत्व दिया जाता है। कार्यरत लोगों को भूमि समतल, वृक्षारोपण, सड़कों का सुंदरीकरण जैसे कार्य प्रदान किए जाते हैं।

मनरेगा के अंतर्गत मिलने वाला मजदूरी

मनरेगा के शुरुआती दौर में मजदूरी लगभग 60 रुपए थी वर्तमान समय में मनरेगा मजदूरी अलग–अलग राज्यों में अलग–अलग है। वर्तमान समय में मनरेगा के अंतर्गत मिलने वाला औसतन मजदूरी 350 रुपए है।15 दिन तक काम न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता और काम का स्थान 5 किमी. से अधिक दूरी की दशा में अतिरिक परिवहन भत्ता का प्रावधान किया गया है।

मनरेगा के लिए योग्यता

  • लाभार्थी 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुका हो।
  • मनरेगा का आवेदक स्थानीय परिवार का सदस्य होना चाहिए ।

मनरेगा के लिए आवेदन कैसे करें?

मनरेगा आवेदन के लिए के निम्नलिखित चीजों की आवश्यकता होगी

  • आवेदक का फोटो।
  • परिवार के सभी सदस्यों के मनरेगा जॉब कार्ड से संबंधित नाम, आयु, और लिंग।
  • गांव का पता।
  • नगर पंचायत का पता।
  • ब्लॉक का पता।
  • आवेदक का हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान।

मनरेगा जॉब कार्ड क्या है?

मनरेगा में जॉब कार्ड के लिए आवेदन करने के पश्चात सभी दस्तावेजों का सत्यापन होता है, सत्यापन के पश्चात एक जॉब कार्ड दिया जाता है। जिसमें जिसमें श्रमिक का पहचान पत्र पंजीकरण संख्या इत्यादि सभी जानकारी होती हैं। जा मनरेगा जॉब कार्ड एक पहचान पत्र के रूप में भी काम करता है।

मनरेगा में केंद्र की हिस्सेदारी 75% होती है।

मनरेगा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण मिलता है।

नरेगा का नाम 2 अक्टूबर 2009 को बदल कर मनरेगा कर दिया गया।

मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों के पैसे सीधे उनके खातों में 15 दिनों के अंदर कर दिया जाता है।

मनरेगा में काम का स्थल श्रमिक के आवास से 5 km अधिक होने पर परिवहन भत्ता मिलता है।

Leave a Comment